लैपटॉप, PC, टैबलेट के इंपोर्ट पर सरकार के लगाम पर अमेरिका, कोरिया ने जताई आपत्ति, जानिए भारत ने क्यों लिया ये फैसला
भारत सरकार लगातार 'मेड इन इंडिया' को बढ़ावा दे रहा है, जिसके चलते हाल ही में भारत ने कंप्यूटर, लैपटॉप, टेबलेट समेत सभी ऐसे उपकरणों के इंपोर्ट पर रोक लगा दी है. भारत के इस फैसले से अमेरिका, चीन और कोरिया जैसे देश खुश नहीं नजर आ रहे हैं.
भारत आयात पर लाइसेंसिंग आवश्यकता लागू नहीं करेगा, बल्कि केवल आने वाले समान की निगरानी करेगा.
भारत आयात पर लाइसेंसिंग आवश्यकता लागू नहीं करेगा, बल्कि केवल आने वाले समान की निगरानी करेगा.
भारत सरकार ने कंप्यूटर, लैपटॉप, टेबलेट समेत सभी ऐसे उपकरणों के आयात पर अंकुश लगा दिया है. यह प्रतिबंध 1 नवंबर 2023 से लागू हो रहा है. भारत के इस फैसले से अमेरिका, चीन और कोरिया पूरी तरह से चिढ़ गया है. दरअसल, विश्व व्यापार संगठन (WTO) की बैठक में अमेरिका, चीन, कोरिया और चीनी ताइपे ने लैपटॉप तथा कंप्यूटर पर आयात पर रोक लगाने के भारत के फैसले पर चिंता जाहिर की है.
अमेरिका ने जताई चिंता
WTO की बाजार पहुंच समिति की बैठक की अध्यक्षता 16 अक्टूबर को जिनेवा के पराग्वे में रेनाटा क्रिसाल्डो ने की थी. जिनेवा स्थित एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका ने कहा कि इस फैसले के लागू होने के बाद इन उत्पादों के व्यापार पर असर पड़ेगा, जिसमें भारत में अमेरिकी निर्यात (Export) भी शामिल है. अमेरिका ने कहा कि यह फैसला निर्यातकों और ‘डाउनस्ट्रीम’ यूजर्स के लिए अनिश्चितता उत्पन्न कर रहा है.
क्यों लगी इंपोर्ट पर रोक?
बता दें कि भारत में खासतौर पर लैपटॉप और टैबलेट कैटेगरी में अमेरिकी कंपनियों का दबदबा जारी है. ऐपल और डेल जैसी कंपनियां भारत के बड़े मार्केट पर हिस्सेदारी रखती है. लेकिन यह सभी कंपनियां भारत में लैपटॉप और टैबलेट की मैन्युफैक्चरिंग नहीं करती है, बल्कि इन लैपटॉप और कंप्यूटर को विदेश से आयात करती हैं. यही वजह है कि भारत सरकार ने लैपटॉप, कंप्यूटर टैबलेट के आयात पर लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है.
सरकार की निगरानी में होगा आयात
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर (यूएसएफएफ), कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर तत्काल प्रभाव से अंकुश लगाया है. अगर किसी प्रोडक्ट को अंकुश की श्रेणी में डाला जाता है, उनके लिए सरकार से लाइसेंस या परमिशन लेना अनिवार्य होता है. यह कदम विदेशी उपकरणों में हार्डवेयर में सुरक्षा संबंधी खामियां होने के अलावा घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के मकसद से भी उठाया गया है. आयात पर रोक से भारत को उन स्थानों पर कड़ी नजर रखने में मदद मिलेगी जहां से उत्पाद आ रहे हैं.
कोरिया ने क्या कहा?
कॉमर्स सेक्रेटरी सुनील बर्थवाल ने पिछले सप्ताह कहा था कि भारत आयात पर लाइसेंसिंग आवश्यकता लागू नहीं करेगा, बल्कि केवल आने वाले समान की निगरानी करेगा. अधिकारी ने कहा कि कोरिया ने इस बात पर जोर दिया कि भारत द्वारा प्रस्तावित उपाय WTO नियमों के अनुरूप नहीं लगते. इसके परिणामस्वरूप अनावश्यक व्यापार बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं.
भारत हर साल करीब 7-8 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य का ये सामान आयात करता है. देश ने 2022-23 में 5.33 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के लैपटॉप सहित पर्सनल कंप्यूटर का आयात किया था, जबकि 2021-22 में 7.37 अरब अमेरिकी डॉलर का आयात किया गया.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
03:55 PM IST